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भारत के गवर्नर जनरल तथा उनके शासनकाल मे होने वाले महत्वपूर्ण घटनाएं

यहाँ आप भारत के गवर्नर जनरल एंव वायसराय तथा उनके शासनकाल मे होने वाले महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे मे जानेंगे। यह विषय आपके प्रतियोगी परीक्षाओं UPSC, State PSC, SSC आदि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बंगाल विजय के बाद बंगाल के गवर्नर के पद के माध्यम से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा बंगाल पर नियंत्रण स्थापित गया। बंगाल के पहले गवर्नर का नाम रॉबर्ट क्लाइव था। इसके अलावा बॉम्बे एवं मद्रास के पास भी स्वयं के गवर्नर थे।

1773 के रेग्युलेटिंग एक्ट पारित होने के बाद बंगाल के गवर्नर के पद का नाम बदलकर बंगाल का गवर्नर जनरल रख दिया गया तथा बॉम्बे एवं मद्रास के गवर्नर को बंगाल के गवर्नर जनरल के अधीन कर दिया गया। बंगाल के पहले गवर्नर जनरल का पद वारेन हेस्टिंग्स को प्राप्त हुआ।

1833 के चार्टर एक्ट के माध्यम से बंगाल के गवर्नर जनरल का पदनाम बदलकर भारत का गवर्नर जनरल रख दिया गया। इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के कोर्ट ऑफ डायरेक्टर को रिपोर्ट करना था। भारत का प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेन्टिक बने।

1857 के महाविद्रोह के पश्चात 1858 में भारत सरकार अधिनियम पारित हुआ। इसके तहत भारत के गवर्नर जनरल का नाम बदलकर भारत का वायसराय कर दिया गया। इस पद की नियुक्ति सीधे ब्रिटिश सरकार के द्वारा की गई। भारत के पहले वायसराय लॉर्ड केनिंग बने।

भारत के गवर्नर जनरल एवं वायसराय तथा उनके शासन काल के दौरान होने वाली महत्वपूर्ण घटनाएं

गवर्नर-जनरल एवं वायसरायशासनकाल के दौरान की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
वारेन हेस्टिंग्स (1773-1785)– रेगुलेटिंग एक्ट-1773
– पिट्स इंडिया एक्ट-1784
– रघुनाथ राव व मराठों में गृह युद्ध (1773)
– 1774 का रोहिला युद्ध
– कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना
– प्रथम मराठा युद्ध (1775-1782)
– पुरंधर की संधि (1776)
– सालबाई की संधि (1782)
– दूसरा मैसूर युद्ध (1780-84)
– टीपू सुल्तान, मैसूर के शासक बने
– टीपू सुल्तान व अंग्रेजों के मध्य मंगलोर की संधि (1784)
– बंगाल में एशियाटिक सोसाइटी की स्थापना (1784)
लॉर्ड कार्नवालिस (1786-1793)– तृतीय एंग्लो-मैसूर युद्ध (1790-92)
– श्रीरंगपट्टम की संधि (1792)
– कॉर्नवॉलिस कोड (1793)
– बंगाल का स्थायी बंदोबस्त (1793)
सर जॉन शोर
(1793-1798)
– निज़ाम और मराठों के मध्य खर्दा में युद्ध
– पेशवा बाजीराव II का शासनकाल (1796-1818)
– अहमद शाह अब्दाली पौत्र ज़मन शाह का लाहौर पर अधिपत्य
लॉर्ड वेलेजली (1798-1805)– सहायक संधि प्रणाली का परिचय (1798)
– चौथा मैसूर युद्ध (1799)
– टीपू सुल्तान की मृत्यु
– मैसूर का विभाजन
– महाराजा रणजीत सिंह, लाहौर के शासक (1799)
– फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना (1800)
– होल्कर ने पुणे में सिंधिया और पेशवा की संयुक्त सेना को पराजित किया (1802)
– बाजीराव पेशवा की अंग्रेजों से बसीन की संधि (1802)
– दूसरा मराठा युद्ध (1803-1805) – युद्ध में सिंधिया व भोंसले पराजित
– अंग्रेजों से सहायक संधि
लॉर्ड कार्नवालिस तथा सर जॉर्ज बार्लोव
(1805-1807)
– वैल्लोर सैनिक विद्रोह
– महाराजा रंजीत सिंह का लुधियाना पर अधिकार
– मध्य भारत में पिंडरियों का उत्थान (1806-1815)
लॉर्ड मिंटो I (1807-1813)– रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि (1809)
लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823)– एंग्लो-नेपाल युद्ध (1814-16)
– सुगौली की संधि, 1816
– गढ़वाल एवं कुमायूँ पर अंग्रेज़ों का अधिपत्य
– राजाराम मोहन राय एवं सेरामपोर में धर्म प्रचारक कर्मशील (1815-1830)
– पिंडरीयों का दमन
– तीसरा मराठा युद्ध (1817-19)
– मराठा परिसंघ का विघटन
– सर सैयद अहमद खान, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्थापक
– रैयतवाड़ी प्रणाली (1820)
लॉर्ड एमहर्स्ट (1823-1828)– प्रेस पर प्रतिबन्ध कानून
– प्रथम बर्मा युद्ध (1824-1826)
– स्वामी दयानन्द सरस्वती, आर्य समाज के संस्थापक (1824-1883)
लॉर्ड विलियम बेंटिक (1828-1835)– सती प्रथा का उन्मूलन (1829)
– ब्रह्म समाज की स्थापना
– ठगी का दमन (1829-1837)
– जैंतिया पर विजय (1832)
– 1833 का चार्टर एक्ट
– कम्पनी का व्यापार समाप्त
– विधायी शक्ति केन्द्रीकृत
– रंजीत सिंह की पेशावर पर विजय
सर चार्लस मैटकाल्फ
(1835-1836)
– प्रैस पर लगे प्रतिबन्धों में वृद्धि
– मकौले का शिक्षा संकल्प (1835)
– अंग्रेजी आधिकारिक भाषा बनी
– प्रैस प्रतिबन्ध और अंतर्देशीय प्रवेश शुल्क समाप्त
– कम्पनी द्वारा अपनी मुद्रा का प्रचलन
लॉर्ड ऑकलैंड (1836-1842)– उत्तर भारत में अकाल (1837-1838)
– पहला अफगान युद्ध (1838-1842)
– शाह शुजा, रंजीत सिंह एवं अंग्रेजों के मध्य त्रिपक्षीय संधि (1838)
– महाराजा रंजीत सिंह की मृत्यु (1839)
लॉर्ड एल्लेनबोरो
(1842-1844)
– अंग्रेज़ों की सिंध पर विजय
– दास प्रथा का अंत
लॉर्ड हार्डिंग I (1844-1848)– पहला आंग्ल-सिख युद्ध (1845-46)
– लाहौर की संधि (1846)
– कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन तथा अन्य सामाजिक सुधार
लॉर्ड डलहौजी (1848-1856)– दूसरा आंग्ल-सिख युद्ध (1848-1849)
– सिखों की पराजय एवं पंजाब का विलय
– ्वितीय एंग्लो-बर्मा युद्ध (1852)
– निचले (लोअर) बर्मा का अधिग्रहण (1852)
– व्यपगत के सिद्धांत का परिचय
– वुड डिस्पैच (1854)
– 1853 में पहली रेलवे लाइन बिछाई गई (बम्बई से ठाणे तक)
– कलकत्ता से आगरा के मध्य तार सेवा
– भारतीय सिविल सेवा के लिए परिक्षाऐं
– लोक निर्माण विभाग (PWD) की स्थापना की गई
– 1853 का चार्टर अधिनियम
– भारत में शिक्षा पर वुड्स डिस्पैच
– पटसन उद्योग का विकास
– बिहार में संथाल विद्रोह (1855)
लॉर्ड कैनिंग (1856-1862)– 1857 का महाविद्रोह
– बंगाल में नील पर विवाद (1859-1861)
– 1857 में कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे में तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना
– ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया गया
– भारत सरकार अधिनियम, 1858 (Government of India Act, 1858) के द्वारा ब्रिटिश क्राउन का प्रत्यक्ष नियंत्रण
– 1861 का भारतीय परिषद अधिनियम
– भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम पारित
– भारतीय सर्वेक्षण विभाग व भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना
– भारतीय सिविल सेवा अधिनियम पारित
– भारतीय दंड संहिता लागू
– उत्तर-पश्चिम भारत में अकाल
लॉर्ड एल्गिन
(1862-1863)
– उत्तराधिकार हेतु अफगान युद्ध
लॉर्ड जॉन लॉरेंस (1864-1869)– भूटान युद्ध (1865)
– कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना (1865)
– यूरोप के साथ तार संचार शुरू
– उड़ीसा में अकाल
– पंजाब और अवध में काश्तकारी अधिनियम (1864)
– महात्मा गांधी का जन्म
– स्वेज़ नहर का उद्घाटन
लॉर्ड मायो
1869-1872
– प्रादेशिक वित्तीय समझौता
लॉर्ड नोर्थब्रूक
1872-1876
– कुका विद्रोह
– बिहार में अकाल (1874)
– प्रिंस ऑफ वेल्स का आगमन
– स्वामी दयानन्द द्वारा आर्य समाज की स्थापना
– सैयद अहमद खान द्वारा अलीगढ़ कॉलेज की स्थापना
लॉर्ड लिटन (1876-1880)– वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (1878)
– शस्त्र अधिनियम (1878)
– दक्षिण भारत में अकाल (1876-1878)
– दूसरा अफगान युद्ध (1878-80)
– क्वीन विक्टोरिया ने ‘कैसर-ए-हिंद’ या भारत की साम्राज्ञी की उपाधि धारण की
– सूत पर कर समाप्त
– अकाल आयोग का गठन
लॉर्ड रिपन (1880-1884)– वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट का निरसन (1882)
– पहला कारखाना अधिनियम (1881)
– स्थानीय स्वशासन पर सरकार का संकल्प (1882)
– इलबर्ट बिल विवाद (1883-84)
– शिक्षा पर हंटर आयोग (1882)
– कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन की बैठक आयोजित (1883)
लॉर्ड डफरिन (1884-1888)– तृतीय बर्मा युद्ध (1885-86)
– भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस की स्थापना (1885)
– बंगाल में काश्तकारी अधिनियम
– बंगाल स्थानीय स्वशासन अधिनियम
लॉर्ड लैंसडाउन (1888-1894)– कारखाना अधिनियम (1891)
– भारतीय परिषद अधिनियम (1892)
– डूरंड आयोग की स्थापना (1893)
– कश्मीर के महाराणा प्रताप सिंह द्वारा राज्यत्याग (1889)
– प्रिंस ऑफ वेल्स का भारत का दूसरा दौरा
– मणिपुर विद्रोह
– आर्य समाज में विभाजन
– बाल गंगाधर तिलक द्वारा गणपति त्यौहार का पुनः प्रचलन
– शिकागो की धर्म संसद में स्वामी विवेकानन्द
लॉर्ड एल्गिन II
(1894-1899)
– चित्राल अभियान
– प्लेग एवं अकाल (1896-1900)
– सीमांत प्रदेशो मे विद्रोह
लॉर्ड कर्ज़न (1899-1905)– भूमि हस्तांतरण अधिनियम
– वित्त का विकेन्द्रीकरण
– पुलिस आयोग की नियुक्ति (1902)
– विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति (1902)
– भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम (1904)
– बंगाल का विभाजन (1905)
लॉर्ड मिंटो II (1905-1910)– स्वदेशी आंदोलन (1905-1911)
– सूरत अधिवेशन में काॅन्ग्रेस का विभाजन (1907)
– विद्रोहात्मक बैठक अधिनियम पारित
– लाला लाजपत राय को मांडलेय निर्वासित किया गया
– गोपाल कृष्ण गोखले द्वारा भारतीय नौकरशाही समिति का गठन (1906)
– ढाका मे मुस्लिम लीग की स्थापना (1906)
– मॉर्ले-मिंटो सुधार (1909)
– भारतीय परिषद् अधिनियम पारित
लॉर्ड हार्डिंग II (1910-1916)– भारत प्रैस अधिनियम पारित (1910)
– बंगाल विभाजन रद्द करना (1911)
– कलकत्ता से दिल्ली राजधानी स्थानांतरण (1911)
– भारत में जनगणना
– लॉर्ड हार्डिंग की हत्या का असफल प्रयास
– भारत सरकार का शिक्षा संकल्प
– रवीन्द्रनाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित
– दक्षिण अफ्रीका में ‘सत्याग्रह’ का प्रथम प्रयोग
– हिंदू महासभा की स्थापना (1915)
– प्रथम विश्व युद्ध (1914-1919)
– महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से वापसी
– तिलक जेल से मुक्त
– जी. के. गोखले का देहान्त
– गृह कानून संघ की स्थापना
– इंडियन नेशनल कांग्रेस एवं आल इंडिया मुस्लिम लीग का लखनऊ अनुबंध
– पुणे में महिला विश्वविद्यालय की स्थापना
लॉर्ड चेम्सफोर्ड (1916-1921)– लखनऊ संधि (1916)
– चंपारण सत्याग्रह (1917)
– माॅन्टेग्यू की अगस्त घोषणा (1917)
– भारत सरकार अधिनियम (1919)
– रौलट एक्ट (1919)
– जलियाँवाला बाग हत्याकांड (1919)
– तृतीय अफगान युद्ध
– शाही घोषणा
– भारत राष्ट्रीय संघ का सदस्य बना
– सैड्लर विश्वविद्यालय आयोग की रिपोर्ट
– खिलाफत आंदोलन
– असहयोग आंदोलन
– महात्मा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस का संचालन
– हण्टर कमिशन की रिपोर्ट
– मोंटफोर्ड सुधारों का उदघाटन
– वित्तीय स्वायत्तता की स्थापना
– मोपला विद्रोह
– भारत में जनगणना
– हड़प्पा में उत्खनन प्रारम्भ
लॉर्ड रीडिंग (1921-1926)– चौरी-चौरा की घटना (1922)
– असहयोग आंदोलन को वापस लेना (1922)
– स्वराज पार्टी की स्थापना (1922)
– काकोरी ट्रेन डकैती (1925)
– मौंटेग का त्यागपत्र
– मोहन जोदड़ो में उत्खनन प्रारम्भ
– कानपुर में ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया’ का गठन
– अखिल भारतीय दलित वर्ग संगठन का गठन
– कपास उत्पादन शुल्क समाप्त
– सुधारों पर जांच समिति की रिपोर्ट
– वी. जे. पटेल- भारत के प्रथम विधान सभा अध्यक्ष के पद के लिए निर्वाचित
लॉर्ड इरविन (1926-1931)– भारतीय नौसेना अधिनियम
– साइमन कमीशन का भारत आगमन (1927)
– हरकोर्ट बटलर भारतीय राज्य आयोग (1927)
– पुलिस हमले में लाला लाजपत राय की मृत्यु
– सभी पार्टियों की सभा का गठन
– नेहरू रिपोर्ट (1928)
– दीपावली घोषणा (1929)
– भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त द्वारा विधान सभा में बम्ब गिराना
– काॅन्ग्रेस का लाहौर अधिवेशन (पूर्ण स्वराज संकल्प) 1929
– महात्मा गांधी द्वारा हरिजन आंदोलन अभियान
– अफगान विद्रोह
– दांडी मार्च और सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)
– बर्मा में विद्रोह
– नेहरू जी द्वारा लाहौर में भारतीय स्वतंत्रता का तिरंगा लहराया गया
– पहला गोलमेज सम्मेलन (1930)
– प्रथम सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930-1931)
– गांधी-इरविन पैक्ट (1931)
– 23/3/1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी
लॉर्ड विलिंगडन (1931-1936)– सांप्रदायिक अधिनिर्णय (1932)
– दूसरा और तीसरा गोलमेज सम्मेलन (1932)
– पूना पैक्ट (1932)
– देहरादून में भारतीय सेना अकादमी की स्थापना
– द्वितीय सविनय अवज्ञा आंदोलन
– बिहार में भूचाल
– सविनय अवज्ञा आंदोलन समाप्त
– भारतीय राज्य सुरक्षा अधिनियम गठित
– भारत सरकार अधिनियम-1935
लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1944)– द्वितीय विश्व युद्ध (1939) के शुरू होने के बाद काॅन्ग्रेस के मंत्रियों का इस्तीफा
– त्रिपुरी संकट और फॉरवर्ड ब्लॉक का गठन (1939)
– मुस्लिम लीग का लाहौर संकल्प (मुसलमानों के लिये एक अलग राज्य की मांग) 1940
– अगस्त प्रस्ताव (1940)
– नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का भारत से पलायन (1941)
– सुभाष चन्द्र बोस टोक्यो पहुँचे (1943)
– रबीन्द्र नाथ टैगोर की देहान्त
– भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन (1941)
– क्रिप्स मिशन (1942)
– भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
लॉर्ड वैवेल (1944-1947)– सी. राजगोपालाचारी का सीआर फॉर्मूला (1944)
– पाकिस्तान मुद्दे पर वार्ता टूट गई
– वैवेल योजना और शिमला सम्मेलन (1942)
– कोंग्रेस नेताओं को बंधन मुक्त किया
– 5/11/1945 को भारतीय राष्ट्रीय सेना के खिलाफ अदालत में पहली सुनवाई
– भारत में साधारण चुनाव आयोजित
– बम्बई में नौसेना विद्रोह
– बंगाल में हिंसा
– कैबिनेट मिशन (1946)
– प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस (1946)
– क्लीमेंट एटली  द्वारा भारत में ब्रिटिश शासन की समाप्ति की घोषणा (1947)
लॉर्ड माउंटबेटन (1947-1948)– लॉर्ड माउंटबैटन द्वारा भारत विभाजन के लिए योजना की घोषणा
– जून थर्ड प्लान (1947)
– रेडक्लिफ आयोग (1947)
– भारत को स्वतंत्रता (15 अगस्त 1947)
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (1948-1950)– भारत के अंतिम गवर्नर-जनरल और  प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल थे वर्ष 1950 में स्थायी रूप से यह पद (गवर्नर-जनरल एवं वायसराय) समाप्त कर दिया गया

बंगाल के गवर्नर (1765 – 1773)

गवर्नरशासनकाल
रॉबर्ट क्लाइव1765-1767
वेर्लेस्ट1769-1769
कार्टीयर1769-1772
वारेन हेस्टिंग्स1772-1773

बंगाल का गवर्नर जनरल (1773 – 1833)

गवर्नरशासनकाल
वारेन हेस्टिंग्स1774-1785
लॉर्ड कार्नवालिस1786-1793
जॉन शोर1793-1798
लॉर्ड वेलेजली1798-1805
लॉर्ड मिंटो1807-1813
लॉर्ड हेस्टिंग्स1813-1823
लॉर्ड एमहर्स्ट1823-1828
लॉर्ड विलियम बेन्टिक1828-1833

भारत का गवर्नर जनरल (1833 – 1858)

गवर्नर जनरलशासनकाल
लॉर्ड विलियम बेन्टिक1833-1835
लॉर्ड ऑकलैंड1836-1842
लॉर्ड हार्डिंग1844-1848
लॉर्ड डलहौजी1848-1856
लॉर्ड कैनिंग1856-1858

भारत का वायसराय (1858 – 1947)

वायसरायशासनकाल
लॉर्ड कैनिंग1858-1862
लॉर्ड जॉन लॉरेंस1864-1869
लॉर्ड लिटन1876-1880
लॉर्ड रिपन1880-1884
लॉर्ड डपरिन 1884-1888
लॉर्ड लैंसडाउन 1888-1894
लॉर्ड कर्जन 1899-1905
लॉर्ड मिंटो II1905-1910
लॉर्ड हार्डिंग II1910-1916
लॉर्ड चेम्सफोर्ड1916-1921
लॉर्ड रिडिंग 1921-1926
लॉर्ड इरविन1926-1931
लॉर्ड विलिंगडन1931-1936
लॉर्ड लिनलिथगो1936-1944
लॉर्ड वैवेल 1944-1947
लॉर्ड माउंटबेटन1947-1948
चक्रवर्ती राजगोपालचारी1948-1950
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